मानसिक दुर्बलता का प्रभाव मनुष्य के शरीर पर पड़ता है , यदि वयक्ति दुखी , कलह से पीड़ित , निरुत्साहित (Discouraged) है , तो इसका प्रभाव उसके शरीर पर पड़ता है , तथा शरीर स्थित विभिन्न रस ग्रंथिया ठीक प्रकार से रस उत्पन्न नही कर पायेगी और वयक्ति रोगी हो जायेगी |
मानसिक रूप से अस्वस्थ वयक्ति की नींद पूरी नहीं हो पाती वह चिंताग्रस्त रहता हैं , अतः वह अपने दैनिक कार्य ठीक प्रकार से संपन्न नहीं कर पाता | ऐसे लोगों को भूख कम लगती हैं , तथा वे अधिकांश बीमार रहते हैं , काम में उदासीनता आती है , काम में उदसीनता आती है , ऐसे वयक्ति चिड़चिड़े व बेचैन रहते है ,
जो वयक्ति मानसिक स्वास्थ से उत्तम रहता है , उनका शरीर भी सुन्दर , तंदरुस्त होता हैं , उनका चेहरा हर समय मुस्कुरता रहता हैं , शरीर में स्पूर्ति व उत्साह रहता हैं , वयक्ति हमेशा खुश रहता हैं , यदि वयक्ति मानसिक रूप से स्वास्थ रहता हैं , वह शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहता हैं |
मानसिक रूप से अस्वस्थ वयक्ति का शारीरिक स्वास्थ पर प्रभाव :-
1. मानसिक रूप से अस्वस्थ वयक्ति को परिवार व समाज का सहयोग करना चाहिए |
2. परिवार के प्रत्येक सदस्य में प्रेम एवं स्नेह की भावना हो |
3. आपसी सम्बन्ध मधुर हों |
4. व्यक्ति को हमेशा खुस रखना चाहिये |