काली खांसी या कुकर खांसी ( Whooping Cough ) क्या हैं | लक्षण , प्रभाव एवं रोग का ईलाज

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Whooping Cough (कुकर खांसी) फैलने का मुख्य कारण होमोफीट्स परटुसिस बैसीलस नाम के जीवाणु (Bacterium) हैं | यह रोग मुख्य तह बच्चों को बहुत होता हैं | अगर इस रोग का ईलाज समय पर नहीं किया जाय तो यह रोग घातक भी हो सकता हैं ,

कुकर खांसी का प्रभाव :- सभी संक्रमित (Infected) रोग की तुलना में काली खांसी बहुत भयानक तथा तेजी से फैलने वाला रोग हैं , इस रोग से मृत्यु होने वालों की संख्या खसरा , टाईफाइड से ज्यादा हैं , श्वसन तंत्र में होने वाली Complication के कारण मृत्यु दर अधिक होती हैं , 3 साल तक के बच्चों में 19 % मृत्यु का कारण Whooping Cough (कुकर खांसी) हैं |

Whooping Cough (कुकर खांसी) के लक्षण :-

1. सबसे पहले रोगी को बहुत तेज जुकाम होता हैं , इसके 10 दिन बाद खांसी होती हैं |
2. खांसी के बाद Whoop जैसी आवाज आती हैं |
3. खांसी इतनी जोर से उठती हैं कि उसमे अन्त में फेफड़ों की सारी वायु खत्म हो जाती हैं , उस के बाद फेफड़ों में फिर से तेजी से वायु भरना Whoop कहते हैं |
4. रोगी को जब खांसी होती हैं , तव रोगी का चेहरा नीला नीला पड़ जाता हैं |
5. कभी – कभी खांसी के समय वमन भी हो जाता हैं |
6. यह अत्यंत Infected रोग हैं , इस रोग का ईलाज समय रहते नहीं किया गया तो यह रोग 6 महीने तक भी चल सकता हैं |
7. इस रोग में रोगी के फेफड़े अत्यंत कमजोर हो जाते हैं |

Whooping Cough (कुकर खांसी) के उपचार :-

1. ठण्ड से बचाव करे |
2. रोगी को पुरा आराम दे |
3. रोगी को गर्म जगह पर रखना चाहिये |
4. रोगी को गर्म चाय या कड़ा देना चाहिये |
5. रोगी को उस कमरे में रखना चाहिये , जहा ताजी हवा आती हो |