हमारे देश में बहुत से ऐसे रोग हे जिनका इलाज हम घरेलू ओषधियों के उपयोग से कर सकते हैं , और रोग को ख़त्म भी किया जा सकता हैं , घरेलू ओषधियों में मुख्य रूप से दिन प्रतिदिन में उपयोग में आने वाले पदार्थों का उपयोग किया जाता है। अतः प्रत्येक वयक्ति को इसकी जानकारी होना बहुत ही जरुरी है। घरेलू ओषधियों के प्रयोग से समय एवं धन दोनों की ही बचत होती हैं |

(1) मसालों का औषधि रूप में प्रयोग- आज हमारे देश के हर घर में भोजन बनाने के लिए मसालो का प्रयोग किया जाता हैं , हमारे देश में मसालों का प्रयोग काफी मात्रा में किया जाता है। भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ हमारे शरीर से कई रोगों के लक्षणों को दूर करने का कार्य भी करते हैं।

हींग(Asafoetida)

बच्चों के पेट में दर्द होने पर हींग थोड़े से पानी में गर्म करके पेट पर मलने से आराम मिलता है हींग के उपयोग गैस एवं अफरा (Chaos) में भी आराम मिलता है। इसके साथ अन्य पदार्थों को मिलाकर भी उपयोग किया जाता है जैसे अजवाइन सोठ व नमक।


अजवाइन(Ajwain) 

इसका उपयोग भी हींग के साथ किया जाता है यह पेट दर्द दूर करती है तथा अफरा व गैस मैं भी आरामदायक है।


सोंठ (Dry ginger)

यहां गठिया या बाय के रोगों में उपयोगी होती है

जीरा (Cumin )

 यह भोजन के पाचन में सहायता करता है। एवं हमारे शरीर में आयोडीन की मात्रा को बढ़ाता है।

हल्दी(Turmeric)


हल्दी के प्रयोग से बहुत से रोगो का इलाज किया जाता हैं यह रक्त को शुद्ध करती है। त्वचा पर होने वाले फोड़े फुंसियों को रोकती है तथा यह पेट के कीड़ों को नष्ट करती है। एवं इस को गर्म दूध के सात पीने से दर्द भी दूर किया जाता हैं |

काली मिर्च(Black pepper)


यह खांसी के लिए बहुत ही फायदे मंद है इस से वनी चासनी के प्रयोग करने से कफ निकल जाता है । एवं खांसी धीरे धीरे कम हो जाती है।

लौंग(Clove)

इससे भी खांसी दूर की जाती है इसको घिसकर दांत में लगाने से दांत का दर्द कम हो जाता है । लौंग का तेल भी दांत के दर्द में लगाया जाता है।

सौंफ (Fennel)

पाचन के लिए अत्यंत लाभकारी है इससे पेचिश दूर होती है। शिशुओं को पानी में सौंफ उबालकर ठंडा करके देने से उनकी पेचिश की शिकायत दूर हो जाती है।

राई(Rye)

राई बेहोशी या मूर्च्छा दूर करने में सहायक होती है पिसी हुई राई सुंगने से मिर्गी के रोगों की भी बेहोशी दूर हो जाती हैं|

दालचीनी(Cinnamon)

बच्चों के दस्त आने पर घिसकर चटाने से लाभ मिलता है इसका प्रयोग कथे के साथ होता है ।

जायफल(Nutmeg)

इसको घिसकर शिशुओं को चटाने से सर्दी दूर हो जाती है।


अदरक(Ginger)

वायु संबंधित रोग दूर करती हैं। खांसी जुखाम मे इसकी चाय पीने से आराम मिलता है।

नमक (Salt)

शरीर के किसी भी भाग में सूजन आने पर गर्म पानी में नमक डालकर सिकाई करने से सूजन कम हो जाती है ।

लहसुन(Garlic)

गठिया या बाय की शिकायत दूर होती है। पाचन ठीक रहता है।त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं । खांसी जुखाम ठीक होता है। लहसुन रक्त को शुद्ध करता है। फेफड़ों व गुर्दे के रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अत्यंत लाभकारी है ।

पोदीना(Mint)

  पाचन क्रिया ठीक रखता है हैजा होने पर भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है।गर्मी में लू से बचने के लिए भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है।उल्टी होने पर आधा कप पुदीना का रस पीने से उल्टी आना बंद हो जाएगी।अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो पुदीने की कुद पत्त‍ियों को चबा लें. ..।पुदीना त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों में भी एक अचूक उपचार है.